लेखनी प्रतियोगिता -17-Jan-2022 - मुस्कान
कान्हा तेरी कातिल सी मुस्कान ,
ले लेती ये गोपियों की जान |
यशोदा को मना लो मुस्कुराकर ,
राधा को रिझा ले बंसी बजा कर |
तेरी मुस्कान पर मैं वारी जाऊं ,
मीरा जैसी दीवानी बनती जाऊं |
माखन मिश्री लेकर आती गोपियां ,
छीकें पर टांगती दही की हांडिया |
मुस्कुराकर जब तूने देखा उनको ,
सुकून तब मिला उनके मन को |
ग्वालों के साथ खाना तुम्हारी मस्ती ,
कालिया नाग को वश में तुम्हारी हस्ती |
गैय्या को भी चराया था मुस्कुरा कर,
कंस को भी मारा था मथुरा जाकर |
विष्णु अवतार का फर्ज खूब निभाया ,
जग को प्रेम करना भी था सिखाया |
मुस्कुराहट मेरी भी चिर अमर रहे ,
कान्हा बस तू ही मेरे संग संग रहे |
कलियों को भी मुस्काना सिखाया था ,
सारे संसार पर प्यार तुमने लुटाया था ||
प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)
Abhinav ji
18-Jan-2022 11:48 PM
Nice
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Shrishti pandey
18-Jan-2022 09:35 AM
Nice
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A
17-Jan-2022 04:15 PM
राधे राधे जी
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